कार्डियोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया की नयी गाइड लाइन जारी

देश में  81 फीसदी  लोगो का लिपिड प्रोफाइल (डिस्लिपिडेमिया) ख़राब पाया गया है करीब 1.13 लाख लोगो के लिपिड प्रोफाइल की जांच के बाद कार्डियोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (सीएसआई) ने डिस्लिपिडेमिया के प्रबंधन के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए है | सीएसआई ने गुरुवार को लिपिड प्रोफाइल जांच की नई गाइड लाइन जारी की | इसे 42 ह्रदय रोगी विशेषज्ञो ने इसे तैयार किया है | सभी हॉस्पिटल,लैब्स और ह्रदय रोग विशेषज्ञो इसे को अपनाने को कहा गया है | 

जोखिम के नई 4 उप चरण :-

देश में पहली बार तैयार किये गए दिशा निदेश में टोटल कोलेस्ट्रॉल की अधिकतम सुरक्षित सीमा को 190 mg/dl निर्धारित किया गया है | मौजूदा समय में ये सीमा 200 mg/dl की है, जो मूलतः पश्चिमी देशो की है जिसे भारत में अपनाया जाता है ऐसे व्यक्ति जिन्हे ह्रदय रोगसे जुड़ा हुआ कोई संकेत या कारक नहीं है ऐसे लोगो को कम जोखिम होता है | 

शोध में लोगो के कोलेस्ट्रॉल में मिली गड़बड़ी :-

अध्ययन के साथ लेखक एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर एस रामकृष्ण ने कहा कि लिपिड प्रोफाइल की समस्या पर जांच और उसे नियंत्रण में रखकर हार्ट अटैक के 50 फ़ीसदी मामलों को रोका जा सकता है उन्होंने चिंता जाहिर की 81 फ़ीसदी लोगों के लिक्विड प्रोफाइल यानी विभिन्न प्रकार के कोलेस्ट्रॉल के स्तरों में गड़बड़ी पाई गई महज 10 फीसदी लोग ही  ऐसे थे जो नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा ले रहे थे शेष लोग इस गड़बड़ी से अनजान है रामकृष्ण के अनुसार देश में हार्ट अटैक के 50 फीसदी मामले 50 साल से भी कम उम्र के लोगों में आ रहे हैं जबकि 15 से 20 फ़ीसदी मामले 40 साल से कम उम्र के लोगों को आ रहे हैं 15 फीसदी मामले अनुवांशिक कारणो से है | 

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